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मिर्गी क्या है – कारण, लक्षण और इलाज (Epilepsy – Seizure)

मिर्गी epilepsy के दौरे क्या है ?

जिसको अपनी ज़िन्दगी में 2 से ज़्यादा दौरे पड़ते है उसको मिर्गी के दौरों का मरीज़ करार दिया जाता है |

मिर्गी के दौरे कितने प्रकार के होते है(type of Seizure disorder) और उनके लक्षण क्या है ?

मिर्गी के दौरे 2 प्रकार के होते है
  • बड़ा दौरा
  • छोटा दौरा 
बड़े दौरे के लक्षण
  • शरीर अकड़ जाना , हाथो और पैरो में बहुत ज़्यादा कम्पन होना |
  • मरीज़ का बेहोश होना |
  • मुँह में झाग आना , जीभ  का कट जाना  |
  • आखो का ऊपर होना, खुद से पेशाब का निकल जाना |
छोटे दौरे के लक्षण
  • शरीर के किसी हिस्से का कापना |
  • हाथ और पाँव  हिलना |
  • मरीज़ का किसी भी चीज़ को एक टक देखना |
  • मरीज़ का अपने आप में खो जाना और आँखे खुली रह जाना 
  • एक दम से गिर जाना |
  • बच्चों में स्कूल की परफॉरमेंस कम हो जाना |

क्या मिर्गी (epilepsy) के दौरों का कोई मेडिकल टेस्ट होता है ?

जी हां , डॉक्टर मरीज़ के लक्षणों को जानने के बाद ही , मरीज़ के कुछ खून के टेस्ट और ब्रेन के टेस्ट जैसे EEG , CT SCAN , और MRI के टेस्ट करवाते है जिसे पता चलता है की मरीज़ को मिर्गी के दौरे पड़ते है |

मिर्गी (epilepsy) के दौरों का ईलाज क्या है ?

डॉक्टर सबसे पहले मिर्गी के दौरों की वजह का पता लगाते है और फिर उसका ईलाज शुरू करते है | कभी – कभी तो वजह ही ठीक करने से मरीज़ को दौरे आने बंद हो जाते है , और मरीज़ को कोई भी दवाई की ज़रूरत नहीं पड़ती | ज़्यादा दौरे आने पर और कभी कभार तो ऑपरेशन की भी ज़रूरत पड़ जाती है | कुछ मरीज़ो को डाइट बदल कर या kito Diet से भी दौरों का इलाज किया जाता है| नस tumlate (VAGUS NARVE सतुंलेशन ) से भी दौरों का इलाज किया जाता है |

क्या मरीज़ को पता होना चाहिए दौरों के अटैक की दवाइयों के बारे में ?

मरीज़ को दवाई के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए कम या ज़्यादा मात्रा में दवाई लेने से मरीज़ को प्रॉब्लम हो सकती है। मरीज़ को दूसरी कोई भी दवाई शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। खास करके औरतो को दौरों की दवाई OCP पाइल्स पे असर कर सकती है |

क्या मरीज़ को दौरों (epilepsy) की दवाई पूरी उमर खानी पड़ेगी?

ज़रूरी नहीं है की मरीज़ को पूरी उमर दवाई खानी है अगर दवाई से दौरों में फर्क पड़ जाता है तो डॉक्टर दवाई बंद भी कर सकता है |

क्या दौरों वाला मरीज़ ड्राइविंग कर सकता है ?

जी हाँ जब दौरों पर कण्ट्रोल होतो तब मरीज़ ड्राइव कर सकता है लेकिन जब दौरे आते हो तो तब ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए | ड्राइविंग के संदर्भ में, जब मिर्गी के दौरे पर पूरी तरह से कण्ट्रोल होता है, तब आप ड्राइव कर सकते हैं। लेकिन, जब दौरा आये, तो आपको ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए। डॉक्टर के सुझावों के खिलाफ कभी भी ड्राइविंग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सुरक्षित नहीं हो सकता है और दुसरों को भी खतरे में डाल सकता है।

अगर दौरों की दवाई ले रही महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो क्या करना चाहिए ?

महिला को जल्द ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। मार्किट में कुछ दौरों की दवाई उपलब्ध है जो की प्रेगनेंसी में सेफ होती है इसलिए डॉक्टर की सलह से दवाई बदल लेनी चाहिए प्रेग्नेंसी के समय, महिलाओं को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनकी सलाह पर लेनी चाहिए। डॉक्टर सबसे अच्छी दवाइयों को सलाह देंगे जो प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित हो सकती हैं।

क्या दौरों में इमरजेंसी होती डॉक्टर को OPD में आ सकता है ?

अगर दौरा 5 मिनट से ज़्यादा रहता है या फिर दौरे के दरमियान मरीज़ को होश नहीं रहती तो इमरजेंसी में हॉस्पिटल आना चाहिए | यहाँ पर मरीज को तुरंत चिकित्सकीय मदद मिल सकती है और उन्हें सही तरीके से देखभाल दी जा सकती है।  तंत्रिका  संबंधित विशेष देखभाल के लिए, अमृतसर में न्यूरोलॉजिस्ट अस्पताल से संपर्क करना विचारणीय है। आज ही निजी मूल्यांकन और उपचार के लिए अपॉइंटमेंट बुक करें।

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